छत्तीसगढ़ गौधाम योजना 2025: पशुधन सुरक्षा और ग्रामीण रोजगार की नई पहल / गौधाम योजना क्या है? छत्तीसगढ़ सरकार की नई योजना से जानिए लाभ और पात्रता
🐄 छत्तीसगढ़ में ‘गौधाम योजना’ की शुरुआत – पशुधन सुरक्षा, नस्ल सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल
छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण विकास और पशुधन संरक्षण को नई दिशा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की है—गौधाम योजना। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना न केवल पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगी।
🌾 योजना के मुख्य उद्देश्य
- निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं का संरक्षण और संवर्धन
- पशुओं की नस्ल सुधार कर उन्हें अधिक उत्पादक बनाना
- जैविक खेती और चारा विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहन
- गौ-आधारित उत्पादों जैसे गोबर खाद, गोनोइल, अगरबत्ती आदि का प्रशिक्षण और उत्पादन
- ग्रामीणों को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना
🏡 गौधाम की विशेषताएं
- प्रत्येक गौधाम में अधिकतम 200 गौवंशीय पशु रखे जा सकेंगे
- चरवाहों को ₹10,916 और गौसेवकों को ₹13,126 प्रतिमाह मानदेय
- चारे के लिए प्रतिदिन निर्धारित राशि का प्रावधान
- उत्कृष्ट गौधाम को पशु संख्या के आधार पर प्रोत्साहन राशि
- प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित कर ग्रामीणों को कौशल प्रदान करना
🚜 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल
गौधाम योजना के माध्यम से गांवों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और पशुधन आधारित उद्योगों का विकास होगा। इससे न केवल ग्रामीण जीवन में आर्थिक स्थिरता आएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित होगा।
📌 पात्रता और संचालन
- संचालन के लिए पंजीकृत गौशालाएं, स्वयंसेवी संस्थाएं, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनियां और सहकारी समितियां पात्र होंगी
- जिला प्रशासन की अनुशंसा पर चयनित संस्थाओं को संचालन का जिम्मा सौंपा जाएगा
- गौधाम से सटी भूमि पर चारा विकास के लिए आर्थिक सहायता—1 एकड़ पर ₹47,000 और 5 एकड़ पर ₹2,85,000
💰 लाभ
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पशुओं के लिए सुरक्षित आश्रय और देखभाल।
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ग्रामीणों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत (गोबर व गौमूत्र बिक्री)।
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जैविक खाद के उत्पादन से खेती की लागत कम और उत्पादकता बढ़ेगी।
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पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना।
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महिला समूहों के लिए स्थायी आय और सशक्तिकरण।
📋 पात्रता
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लाभार्थी छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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ग्रामीण क्षेत्र में निवास या कृषि/पशुपालन कार्य होना चाहिए।
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स्व-सहायता समूह पंजीकृत होना चाहिए (यदि समूह के रूप में आवेदन कर रहे हों)।
📝 आवेदन प्रक्रिया
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अपने ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत कार्यालय में संपर्क करें।
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निर्धारित आवेदन फॉर्म भरें।
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आवश्यक दस्तावेज (पहचान पत्र, निवास प्रमाण, बैंक खाता विवरण, पशुपालन से संबंधित प्रमाण) संलग्न करें।
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आवेदन को पंचायत समिति द्वारा सत्यापन के बाद योजना में शामिल किया जाएगा।
📄 आवश्यक दस्तावेज
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आधार कार्ड / पहचान पत्र
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निवास प्रमाण पत्र
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बैंक खाता पासबुक
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पासपोर्ट साइज फोटो
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यदि समूह है तो पंजीकरण प्रमाण पत्र
📢 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ की गौधाम योजना पशुधन सुरक्षा, नस्ल सुधार और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यदि आप सरकारी योजनाओं और नौकरियों से जुड़ी जानकारी चाहते हैं, तो SarkariUpdati पर जुड़े रहें—जहां हर अपडेट आपके करियर और जानकारी को नई ऊंचाई देता है।
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